हमारे संथाल समुदाय में जब कभी भी किसी शिकार (दुनिया के बाकी ट्राईबल समुदाय की तरह संथाल समुदाय का मुख्य पेशा कृषि और शिकार करना है ) में जाते हैं तो हमारे साथ हमारे पाले गऐ कुत्ते भी शिकार में जाते हैं। शिकार में जब कुछ हमारे हाथ लगता है और शाम के वक्त इसका बंटवारा होता है तो जितने भी लोग शिकार के दौरान शामिल थे (वैसे गांव के हर घर से लोग जाते हैं) हर किसी को एक समान बराबर का हिस्सा मिलता है यहां तक हमारे साथ गया हुआ कुत्ते को भी उसका हिस्सा मिलता है।यह चीज कहीं ना कहीं हमारे बीच इकोसेंटरिक डेमोक्रेसी को दिखाता है। प्रकृति प्रेमी होने के साथ-साथ हमारा संथाल समाज हर उस चीज को एक समान महत्व देता है जिसे कुदरत ने बनाया है।यह सदियों से हमारे परंपरा के रूप में चलते आ रहा है।